Retirement Age Hike: दिल्ली हाइकोर्ट ने एक बहुत ही बडा फैसला सुनाया है। दिल्ली हाइकोर्ट के फैसले ने सरकारी कर्मचारियों को राहत दी है। लेकिन यह फैसला युवाओं के लिए नई चुनौती बन सकता है। हमारे देश में रिटायरमेंट एज यह हमेशा संवेदनशील और बहस का मुद्दा रही है। दिल्ली हाइकोर्ट ने रिटायरमेंट एज संबंधित कहा की कर्मचारियों की शारीरिक और मानसिक स्थिति के आधार पर उनके रिटायरमेंट पर विचार करना जरूरी है। इसी के बारे में हम आपको इस पोस्ट में बताने वाले है। अगर आप रिटायरमेंट एज के बारे में विस्तार में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो हमारी यह पोस्ट अंत तक जरूर पढ़िए।
दिल्ली हाइकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला
दिल्ली हाइकोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया। इसमें हाइकोर्ट ने बताया की कर्मचारियों की शारीरिक और मानसिक स्थिति के आधार पर उनके रिटायरमेंट पर विचार करना चाहिए। यह आदेश अभी दिल्ली के सरकारी कर्मचारियों पर लागू होने वाला है। यह फैसला एक नए विचार के तरफ इशारा करता है। इस फैसले में कर्मचारी के व्यक्तिगत क्षमता को प्राथमिकता दी गई है।
दिल्ली हाइकोर्ट ने यह स्पष्ट किया की 60 साल के बाद कर्मचारियों की शारीरिक और मानसिक स्थिति अच्छी होती है। इसलिए उनके रिटायरमेंट एज को बढ़ाने का विचार करना चाहिए। यह फैसला सिर्फ दिल्ली तक ही सिमित नहीं रहेगा। बल्की अन्य राज्यों के सरकार भी जल्द रिटायरमेंट उम्र की सीमा बढ़ाने का निर्णय ले सकती है।
रिटायरमेंट एज संबंधित फेक न्युज
कुछ दिन सोशल मीडिया प्लॅटफाॅर्म पर एक पोस्ट बहुत वायरल हो रही है। इस पोस्ट में बताया जा रहा है की केंद्र सरकार ने रिटायरमेंट एज को बढ़ाकर 62 साल कर दिया गया है। लेकिन जांच करने के बाद यह दावा फर्जी पाया गया। केंद्र सरकार के प्रेस सूचना ब्यूरो ने स्पष्ट भी किया था की केंद्र सरकार के कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाकर 62 साल नहीं की गई है। केंद्र सरकार ने कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने का कोई भी ऐसा निर्णय नहीं लिया है।
न्यायाधीशों की रिटायरमेंट एज बढ़ाने पर भी निर्णय नहीं
राज्यसभा में विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने यह कहा की उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया की न्यायाधीशों के लिए सेवानिवृत्ति के बाद के कार्यों के लिए संविधान में किसी भी ‘कूलिंग ऑफ’ अवधि का कोई उल्लेख नहीं है। अभी उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश की सेवानिवृत्ति आयु 65 साल, उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की 62 साल और जिला न्यायाधीश की 60 साल है।
FAQ
दिल्ली हाइकोर्ट ने सेवानिवृत्ती आयु संबंधित कौनसा बड़ा फैसला लिया?
दिल्ली हाइकोर्ट ने यह स्पष्ट किया की 60 साल के बाद कर्मचारियों की शारीरिक और मानसिक स्थिति अच्छी होती है। इसलिए उनके रिटायरमेंट एज को बढ़ाने का विचार करना चाहिए।
क्या दिल्ली के अलावा बाकी राज्यों में भी सेवानिवृत्ती आयु सीमा में बदलाव हो सकता है?
क्या दिल्ली के अलावा बाकी राज्यों में भी सेवानिवृत्ती आयु सीमा में बदलाव हो सकता है?
क्या दिल्ली के अलावा बाकी राज्यों में भी सेवानिवृत्ती आयु सीमा में बदलाव हो सकता है?
ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है की यह फैसला सिर्फ दिल्ली तक ही सिमित नहीं रहेगा। बल्की अन्य राज्यों के सरकार भी जल्द रिटायरमेंट उम्र की सीमा बढ़ाने का निर्णय ले सकती है।